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lockdown 2020 thakur rahul raghuwanshi

कोरोना: मोदी सरकार ने बिना प्लान के लागू किया लॉकडाउन



स्टीव हैंकी अमरीका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय में एप्लाइड अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर और जॉन्स हॉपकिंस इंस्टीट्यूट फ़ॉर एप्लाइड अर्थशास्त्र, ग्लोबल हेल्थ और बिज़नेस एंटरप्राइज़ अध्ययन के संस्थापक और सह-निदेशक हैं.

वो दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्री हैं. भारत और दक्षिण एशिया के देशों पर उनकी गहरी नज़र है. बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने भारत में जारी लॉकडाउन और मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के अलावा कई दूसरे मुद्दों पर बातें कीं.

बीबीसी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रोफ़ेसर स्टीव हैंकी ने क्या कहा, विस्तार से पढ़िए

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफ़ेसर स्टीव हैंकी कहते हैं कि भारत सरकार कोरोना संकट से लड़ने के लिए पहले से तैयार नहीं थी. उन्होंने कहा, "मोदी पहले से तैयार नहीं थे और भारत के पास पर्याप्त उपकरण नहीं हैं."

प्रोफ़सर स्टीव हैंकी कहते हैं, "मोदी के लॉकडाउन के साथ समस्या यह है कि इसे बिना पहले से प्लान के लागू कर दिया गया. वास्तव में मुझे लगता है कि मोदी यह जानते ही नहीं हैं कि 'योजना' का मतलब क्या होता है."

कोरोना वायरस

प्रोफ़ेसर हैंकी कहते हैं कि लॉकडाउन संपूर्ण नहीं स्मार्ट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन भी देशों ने कोरोना वायरस से अपने यहां बड़े नुक़सान होने से रोके हैं उन्होंने अपने यहां कड़े उपाय लागू नहीं किए थे. इन देशों ने अपने यहां सटीक, सर्जिकल एप्रोच का सहारा लिया.

हालांकि बीजेपी के महासचिव राम माधव का मानना है कि कोरोना महामारी से निपटने में पीएम मोदी ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की है. यहां पढ़ें राम माधव का नज़रिया.

अमरीकी अर्थशास्त्री संपूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं. वो कहते हैं, "मैं यह साफ़ कर दूं कि मैं कभी संपूर्ण लॉकडाउन का समर्थक नहीं रहा हूँ. मैंने हमेशा से स्मार्ट और टारगेटेड एप्रोच की वकालत की है. जैसा कि दक्षिण कोरिया, स्वीडन और यहां तक कि यूएई में किया गया. इसी वजह से मैंने खेल आयोजनों और धार्मिक कार्यक्रमों को रद्द करने की बात की है."

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए 24 मार्च की आधी रात को चार घंटे की नोटिस पर 21 दिनों का संपूर्ण लॉकडाउन देश भर में लागू कर दिया गया जिसे अब तीन मई तक बढ़ा दिया गया है. इसके दो दिन पहले यानी 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में जनता कर्फ्यू लागू करने की अपील की थी जो सफल रहा था.

भारत में मोदी सरकार की लॉकडाउन नीतियों पर अधिक सवाल नहीं उठाए गए हैं. उल्टा उस समय देश में जश्न का माहौल था जब प्रधानमंत्री ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 24 फ़रवरी को अहमदाबाद में लोगों से भरे एक स्टेडियम में स्वागत किया.

जबकि उस समय चीन, जापान और इटली जैसे देशों के कुछ इलाक़ों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. भारत में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी को सामने आया था।।




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